5 ESSENTIAL ELEMENTS FOR HOW TO MAKE A CAREER IN BOLLYWOOD IN HINDI

5 Essential Elements For how to make a career in Bollywood in Hindi

5 Essential Elements For how to make a career in Bollywood in Hindi

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अय्यर ने बचपन से ही वैज्ञानिक बनने का सपना देखा था और उन्होंने इस सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की।

एक घास के पास एक जंगल में चार गाय रहती थीं। वे अच्छे दोस्त थे और सब कुछ एक साथ करते थे। वे एक साथ चरते थे और एक साथ रहते थे, जिसके कारण कोई भी बाघ या शेर उन्हें भोजन के लिए मारने में सक्षम नहीं थे।

सभी ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है। 

पंचतंत्र की कहानी: संगठन की शक्ति – sangathan ki shakti

परन्तु फिर भी मैने समय पे पहुंचने की कोसिस की पर नहीं पहुंच सका, इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ गुरुदेव। महर्षि ने मुस्कुराते हुए पहले आने वाले व्यक्ति की तरफ देखा और बोले – वत्स निश्चित ही तुम्हारी राह भी वही थी, जिससे यह आया है। तुम्हे सेवा के अवसर मिले परन्तु तुमने उन्हें करने से इंकार कर दिए। 

वह अपनी मांद से बाहर आया और इधर-उधर खोजा। वह केवल एक छोटे खरगोश को प्राप्त कर सका। उसने कुछ हिचकिचाहट के साथ उसे पकड़ लिया । “यह मेरा पेट नहीं भरेगा” शेर ने सोचा।

अरे उल्लू भाई यह हंसिनी है मेरी पत्नी है रात में हम दोनों साथ में आये थे अब साथ में जा रहें हैं। 

हंस ने हंसिनी को समझाते हुए कहा कि किसी तरह यहाँ आज की रात काट लेते हैं, click here क्योंकि अब मुझे समझ आ गया है कि यह जगह इतना सुनसान क्यों है। इस तरह का उल्लू जिस जगह पर रहेगा वहां वीरान तो रहेगा ना। 

इनके अलावा भी अनेक सफल लोग हैं जिनकी कहानियां प्रेरणादायक हैं –

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लेकिन अगर वही कोई उनके टक्कर का आदमी होता तो वे उसके साथ ऐसा करने से पहले कई बार सोचते. इसलिए हमें कभी भी किसी गरीब या लाचार आदमी से लड़ना नहीं चाहिए.

फिर दूसरे दिन जब उस आम ने देखा के उसके साथ के सारे आम तो जा चुके हैं केवल उसी का मोह उसे पेंड से अलग होने नहीं दे रहा है। उसे अपने मित्र आमों की याद सताने लगी। 

उनके ऐसे ही न जाने कितने प्रेरक प्रसंग हैं, जो न केवल इन्सानियत और मानवता का पाठ पढ़ाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि जनता के एक प्रतिनिधि का स्वरूप कैसा होना चाहिए।विराट हृदय वाले शास्त्री जी अपने देश के लोगों के विकास और वतन की शांति की स्थापना के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उन्हें कभी भी किसी पद या सम्मान की लालसा नहीं रही। उनके राजनीतिक जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए,जब शास्त्री जी ने इस बात का सबूत दिया कि देश और मानव सेवा ही उनका उद्देश्य है और इस तरह लोगों के समक्ष कई प्रेरणादायी उदाहरण रखे। उनके विषय में यह कहा जाता है कि वह अपना त्यागपत्र सदैव अपनी जेब में रखते थे। ऐसे निःस्पृह व्यक्तित्व के धनी,शास्त्री जी भारत माता के सच्चे सपूत थे।

और बोला मै आ गया हूँ आप बताइये की आपके लिए क्या करूं, व्यक्ति की इस बात में अहंकार झलक रही थी। 

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